समावेशी विकास का आधार लघु एवं कुटीर उद्योग कला का सम्मान दिल खोलकर किया जाना चाहिए : राज्यपाल श्री पटेल

भोपाल। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है समावेशी विकास में हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें बहुत कम निवेश के साथ बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। लोगों की आय बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण समुदायों का जीवन स्तर बेहतर बनाने और समृद्धि पहुँचाने का प्रभावी तरीका है। उन्होंने प्रदर्शनी में आयोजित सांस्कृतिक संध्या की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि कलाकृति का सृजन दिल, दिमाग और शरीर संचालन के अद्भुत समन्वय से ही होता है। कलाकारों की कला का सम्मान दिल खोलकर किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदर्शनी में रखे गये स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी कर आत्म-निर्भर भारत के निर्माण में सहयोग का अनुरोध किया।
राज्यपाल श्री पटेल भोपाल हाट में लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित स्वयं सिद्धा दीपोत्सव प्रदर्शनी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। ख्यात कलाकार सुश्री वी.अनुराधा सिंह ने कथक नृत्य की विभिन्न शैलियों के साथ ही स्व-निर्मित प्रस्तुतियों से आनंद और आध्यात्म के अद्भुत वातावरण का निर्माण किया। संघमित्रा समूह के कलाकारों द्वारा गुरू, भूमि प्रणाम, सरस्वती वंदना और शिव स्तुति की प्रस्तुतियां दी गई।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने समर्थ और समृद्ध भारत निर्माण के लिए वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया है। इसकी सफलता के लिए समाज को कुटीर, लघु उद्यमियों के उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि आत्म-निर्भर भारत के लिए स्वदेशी उत्पादों का स्वयं उपयोग करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने उद्योग संगठनों से पारम्परिक उत्पादों को विशिष्ट पहचान दिलाने और उनके विपणन में टेक्नोलॉजी के उपयोग में सहयोग के लिए आगे आने को कहा और दीपोत्सव की अग्रिम शुभकामनाएँ दी।
राष्ट्रीय सचिव उद्योग भारती श्री समीर मूदड़ा ने बताया कि स्वयं सिद्धा श्रृंखला में भोपाल से पहले जयपुर और बेंगलुरु में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा महिलाओं को राखी, होली और दीपावली जैसे पर्वो के अवसर पर उपयोग में लाये जाने वाले स्वदेशी उत्पादों के निर्माण और विक्रय में सहयोग किया जाता है। संस्कार भारती की अध्यक्ष सुश्री अरुणा शर्मा ने बताया कि संस्था साहित्य, रंगमंच, विविध कलाओं के माध्यम से समाज में संस्कारों का प्रसार कर रही है। स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम की संयोजिका सुश्री उमा शर्मा ने बताया की स्वयं सिद्धा 5 दिवसीय प्रदर्शनी विशिष्ट है। ग्राम हस्त शिल्पी कुटीर उद्योगों को नि:शुल्क स्टालें उपलब्ध करायी गई है। बालिका गृह और दिव्यांग बच्चों द्वारा निर्मित उत्पादों को भी बिक्री का अवसर दिया गया है।
राज्यपाल श्री पटेल ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। संस्था की ओर से तुलसी का पौधा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया गया।

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