स्वामी विवेकानंद शिला स्मारक भारत की भावनात्मक एकता का प्रकाश स्तम्भ : राज्यपाल श्री पटेल

भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि कन्याकुमारी विवेकानंद शिला स्मारक भारतीयों की स्वामी विवेकानंद जी के प्रति श्रद्धा और परम्परागत भावनात्मक एकता का प्रकाश स्तम्भ है। उन्होंने युवाओं से कहा है कि हमारी समावेशी संस्कृति की अनेकता में एकता की राष्ट्रीय संस्कृति को मज़बूती प्रदान करें। देश, समाज और भविष्य के बारे में सकारात्मक चिंतन और रचनात्मक वैश्विक नज़रिए को सुदृढ़ करने में सहयोग करें।

राज्यपाल श्री पटेल रवींद्र भवन में विवेकानंद केंद्र द्वारा आयोजित एक भारत विजयी भारत समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का व्यक्तित्व देशभक्ति और भारतीय मूल्यों का प्रतीक है। वह वेदांत के विख्यात और आध्यात्मिक गुरु थे। उनका एक-एक शब्द हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आभास कराता है। राज्यपाल श्री पटेल ने युवाओं का आव्हान किया कि स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेते हुए, हमारे देश की समृद्ध विरासत, संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं में रची-बसी विविधता में एकता के बारे में लोगों को बताएँ। समन्वयकारी भारतीय संस्कृति की महत्ता, अतीत के गौरव से जन-मानस को परिचित कराकर राष्ट्र बोध की भावना और अधिक मजबूत और जागृत बनाएँ। समरस समाज निर्माण का वातावरण बनाएँ। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा है कि मान. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को युवाओं से बहुत आशाएँ और अपेक्षाएँ हैं। उन्होंने युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में आगे ले जाने के लिए न्यू इंडिया के निर्माण में युवाओं की सक्रिय भागीदारी के नए अवसर खोले हैं। उन्होंने केंद्र की गतिविधियों से उनके जुड़ाव का भी जिक्र किया।

पर्यटन, संस्कृति अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा सिंह ठाकुर ने पालकों से देश के वीर-वीरांगनाओं के त्याग और बलिदान से भावी पीढ़ी को प्रेरित कराने की अपील करते हुए उनके चित्र घरों में लगाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि विवेकानंद शिलालेख स्मारक की स्थापना के 50 वर्ष भारतीय संस्कृति की विशिष्टताओं से भावी पीढ़ी को परिचित कराने का अवसर है। राज्यपाल श्री पटेल ने भारत भूमि को अर्पण, तर्पण, सर्वस्व की भूमि बताया और कहा कि भारत भूमि जैसी दुनिया में दूसरा स्थान नहीं है। विवेकानंद शिला स्मारक स्थापना के प्रसंग और राम कृष्ण मिशन की शाला में अपनी स्कूली शिक्षा का उल्लेख करते हुए आजादी के लिए कुर्बानियाँ देने वालों का स्मरण किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के कोषाध्यक्ष श्री प्रमोद दाभोलकर ने कहा कि चीनी आक्रमण के समय देश में व्याप्त नैराश्य और पराभाव की भावना को विजयवृत्ति में बदलने और राष्ट्रीय गौरव को जन-मानस में संचारित करने का प्रसंग, विवेकानंद शिला स्मारक है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का संदेश उत्साह और ऊर्जा से भरा हुआ है। उसे सुन और पढ़कर सुप्त अवस्था में पड़ा व्यक्ति भी जागृत हो उठता है।

विवेकानंद केंद्र के प्रांत संचालक श्री मनोज सिंहदेव ने स्वागत वक्तव्य और कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की। श्री मनोज गुप्ता ने एक भारत विजयी भारत अभियान की प्रांतीय गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन केंद्र के प्रांत प्रमुख श्री भवँर सिंह राजपूत ने किया।

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