भोपाल : कोरोना संक्रमण काल के दौरान भोपाल कें लिए सुखद खबरों का सिलसिला निरंतर जारी है। चेहरे पर जीत की चमक लिए नित दिन बड़ी संख्या में व्यक्ति कोरोना संक्रमण को हराकर अपने नव जीवन की शुरुआत कर रहे है। इसी क्रम में रविवार को भोपाल से 29 व्यक्ति अपने आत्मबल और हौसले के दाम पर कोरोना पर विजय प्राप्त कर अपने घर को रवाना हुए। हमीदिया अस्पताल से 7, चिरायु अस्पताल से 19 और शासकीय होम्योपैथिक अस्पताल से 3 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए। इन सभी ने शासन-प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही उच्च स्तरीय स्वास्थ सेवाओं और व्यवस्थाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया।
हाइपरटेंशन डायबिटीज और निमोनिया से पीड़ित बुधवारा निवासी 80 वर्षीय आबिद कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हमीदिया अस्पताल लाए गए थे। उन्होंने शासन-प्रशासन और हमीदिया अस्पताल को उनके सफल ईलाज और समर्पण भाव से की गई देखभाल के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्य जैसी मेरी देखरेख की गई है।
रविवार को डिस्चार्ज हुए नालियान नगर निवासी 50 वर्षीय नोशे खान हाइपरटेंशन, दाहिना ह्रदय फेल और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। हमीदिया अस्पताल में इन बीमारियों के बावजूद कोरोना संक्रमण का सफल ईलाज किया गया। उन्होंने बताया यहां मेरी बहुत अच्छी देखभाल की गई है। मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। दवा, पानी, खाने आदि की सभी व्यवस्था बहुत अच्छी है। मुझे नया जीवन देने के लिए आप सभी का हार्दिक धन्यवाद और आभार।
जहांगीराबाद निवासी 57 वर्षीय श्री राजेंद्र साहू ने बताया हमीदिया अस्पताल में उनकी परिवार के सदस्य से बढ़कर सेवा की गई है। रात के 2 बजे भी उनकी तकलीफ को देखकर ध्यान रखा गया। हमे ठीक करने के लिए डॉक्टर्स, नर्स, सफाई कर्मियों आदि ने दिन रात अथक मेहनत की है जिसका जितना धन्यवाद और आभार व्यक्त किया जाए कम है।
हमीदिया अस्पताल से डिस्चार्ज हुए सभी व्यक्ति पूर्व में डायबिटीज, हाइपर टेंशन, हृदय रोग जैसी किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। घातक बीमारियों के साथ कोरोना संक्रमण का सफल ईलाज करके हमीदिया ने समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।इस से ना सिर्फ बढ़ती उम्र के लोगो को बड़ी राहत मिली है बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ा है।
गांधी मेडिकल कॉलेज और हमीदिया अस्पताल की डीन डॉ अरुणा कुमार ने डिस्चार्ज हुए सभी व्यक्तियों को पुष्प, मास्क और सैनिटाइजर भेंट कर उनकी जीत की बधाइयां दी। उन्होंने कहा आप का स्वस्थ होना हमारे मनोबल को बढ़ाता है। आप ही हमारी असली ताकत है। यहां से निकलने के बाद आप सभी अपना नया जीवन शुरू करें और साथ ही समाज के अन्य लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करें। उन्होंने चिकित्सा में लगी अपनी पूरी टीम को इनके सफल ईलाज के लिए धन्यवाद देकर उत्साहवर्धन किया।
चिरायु अस्पताल के डायरेक्टर श्री अजय गोयनका ने बताया कि डिस्चार्ज हुए व्यक्तियों में 13 वर्ष की रूशदा से लेकर 65 वर्ष की सुलोचना रावत तक है। सभी उम्र के व्यक्ति अब अपने साहस, हौसले और संयम के दम पर कोरोना संक्रमण से ठीक हो रहे है। उन्होंने डिस्चार्ज हो रहे सभी व्यक्तियों को बधाई देते हुए सात दिवस होम क्वारंताइन होने और समय पर दवाईयां लेने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण से डरना नहीं है इसका इलाज संभव है। आप सभी अच्छा खानपान रखें, व्यायाम करें। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए। कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।