भारत की ओर बढ़ रहे हैं टेस्ला के कदम

यतीन्द्र अत्रे
इलेक्ट्रिक व्हीकल (ई व्ही) बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मालिक एलन मस्क की भारत आने की खबर ने भारतीय दिलों में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। खबरों को सही माने तो अप्रैल माह में ही 22 से 27 अप्रैल के मध्य प्रधानमंत्री मोदी से उनकी भेंट संभव हो सकती है। हालांकि मस्क ऐसे समय भारत आ रहे हैं जब देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं,ऐसे में टेस्ला का भविष्य भारत में क्या होगा ? यह कहना थोड़ा मुश्किल है। बताया जा रहा है कि मस्क प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की घोषणा भी कर सकते हैं। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार टेस्ला इलेक्ट्रिक कार उत्पादन के लिए देश में महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में रुचि दिखा रही है। सूत्रों की माने तो टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के अतिरिक्त उनके बैट्री स्टोरेज सिस्टम भी बनाकर बेचना चाहती है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि ऐसी क्या वजह हो सकती है जिसके चलते मस्क को भारत की ओर रुख करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इसके पूर्व टेस्ला ने वर्ष 2022 में भी भारत आने की इच्छा जताई थी, लेकिन तब कंपनी और सरकार के बीच बात आगे नहीं बढ़ पाई थी। कंपनी चाहती थी कि उसकी गाड़ियों को लग्जरी नहीं बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए लेकिन उस समय सरकार ने कहा था कि दूसरे देशों से आयात किए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पर आयात शुल्क माफ करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। सरकार ने यह भी कहा था कि अगर टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने में रुचि दिखाई है तब आयात पर छूट देने का विचार किया जा सकता है। क्या बड़ी वजह यही है या कुछ और ? नतीजे पर पहुंचने से पूर्व दूसरे देशों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बाजार में हो रही उथल-पुथल पर दृश्य दौड़ानी होगी- वर्तमान में ईव्ही बाजार से खबरें आ रही है कि विश्व में टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बाजारों में चीनी कंपनियां की सस्ती कारों की डिमांड बढ़ रही है, वहीं भारत की बात करें तो भारत चीन के अच्छे संबंध नहीं होने की वजह से इन दिनों भारतीय चीनी उत्पादों में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, और यह बात तो जग जाहिर है कि भारतवासी देश प्रेमी होते हैं, इसके चलते उनकी चीनी उत्पादों में रुचि पहले से नहीं के बराबर हो गई है। एलन यह राज की बात अच्छी तरह से जानते होंगे। कहा जा रहा है कि टेस्ला जब पहली बार वन ट्रिलियन डॉलर कंपनी बनी थी तब एलन मस्क ने विश्व को बताया था कि इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है। विशेषज्ञों की माने तो टेस्ला आज मुसीबत में है, मार्केट गिरने से कंपनी को बड़ा झटका लगा है। बर्लिन के अतिरिक्त विश्व के सबसे बड़े मार्केट चीन में टेस्ला की हिस्सेदारी घट रही है, हालांकि टेस्ला अकेली कंपनी नहीं है अन्य कंपनियां भी कठिन दौर से गुजर रही है। अब सवाल यह भी उठना है कि, ऐसा क्या हो रहा है जिसके चलते ई व्ही मार्केट समस्याओं से जूझ रहा है। विशेषज्ञों के आकलन से इसका जवाब कम उत्पादन और मँहगे दाम बताया जा रहा है। इन कारणों के अतिरिक्त मस्क को भारतीय बाजार में मलाई क्यों नजर आ रही है तो इस प्रश्न का उत्तर कोई आम व्यक्ति भी दे सकता है- डीजल, पेट्रोल की कीमतों के आसमान छूने की वजह से भारत में लंबे समय से कईं दूसरे विकल्प ढूंढे जा रहे हैं। दूसरा स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में यहां प्रत्येक व्यक्ति जागरूक हो रहा है,तीसरा बड़ा कारण देश में लोन क्रांति के चलते भारतीयों को इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमतों में कोई खासा फर्क नहीं होने वाला है। वजह कुछ भी हो लेकिन यह तो तय माना जा रहा है कि अगले 10 वर्ष भारतीय बाजार इलेक्ट्रिक व्हीकल से गरमाने वाला है।

मो.नं. 9425004536

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