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सोलर पैनल, सफलता की कुंजी

सोलर पैनल के जरिए 5 हार्स पावर के पंप से पूरे दिनभर मोटर पंप चला रहे किसान भूपेन्द्र सिंह

विदिशा :  विदिशा जिले के ग्राम लेटने के कृषक श्री भूपेंद्र सिंह कुछ साल पहले तक अपने 12 बीघा खेत में फसलों को सिंचित करने के लिए एक डीजल पंप का इस्तेमाल किया करते थे, जिसमें ईधन पर 500 रुपये प्रतिदिन खर्च होता था। पिछले वर्ष मार्च में उन्होंने एक सौर ऊर्जा चलित सिंचाई पंप स्थापित किया और चार महीनों के भीतर ही इससे अपनी पहली फसल का उत्पादन किया। उन्होंने सोलर पैनल से उत्पादित बिजली को बेचकर 7,500 रुपये भी कमाए हैं। खेत में सोलर पैनल लगाने वाले श्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक वे अपने खेत की सिंचाई सोलर पैनल से प्राप्त ऊर्जा से करते हैं।

    भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सोलर पैनल के जरिए 5 हार्सपावर के पंप से पूरे दिनभर मोटर पंप चलाते हैं। आसमान में बादल छाए या बारिश हो, सोलर पंप से 9 से 10 घंटे तक मोटर चला सकते हैं। उक्त पम्प के माध्यम से श्री भूपेंद्र सिंह अपनी 12 बीघा जमीन में सिंचाई करते हैं तथा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने से बिजली के बिल भरने की झंझट से भी किसान को मुक्ति मिली है। सोलर पम्प लगवाने से उन जैसे कई किसानों को मुनाफा हो रहा है। रात के समय किसानों को बिजली का इंतजार नहीं करना पड़ता, दिन में ही फसल की सिंचाई हो जाती है। श्री भूपेंद्र सिंह बताते हैं कि सोलर पम्प से सिंचाई सरल और सस्ती होने से खेती की लागत में कमी आई है तथा उत्पादन भी बढ़ा है। श्री भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि डीजल पंप चलाने का खर्च बहुत ज्यादा होने की वजह दो फसल लेने में कठिनाई आती थी। सोलर पैनल लगने से अब वह एक से ज्यादा फसल उगा सकते हैं और दिन में खेतों की सिंचाई भी कर सकते हैं। इसके अलावा, चलाने का खर्च भी नहीं है और सोलर पंप के रख-रखाव का खर्च भी नगण्य है। वह कहते हैं कि पंप लगने से बहुत संतुष्ट हैं। सरकारी बिजली पर उनकी निर्भरता अब समाप्त हो गई है।

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