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शिक्षित होने से लेकर शिक्षक बनने तक मिली सरकारी मदद

विदिशा : राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सर्वांगीण उन्नति के लिए चहुंओर प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं। विशेष तौर पर महिलाओं के विकास को ध्यान गत रखते हुए ऐसी अनेक योजनाओं का संचालन प्रदेश में किया जा रहा है, जो देश के अन्य राज्यों को प्रेरणा देते हुए अनुसरण कर क्रियान्वयन कर रहे हैं।

                मध्यप्रदेश में हरेक वर्गों की कन्याओं, लड़कियों और महिलाओं के व्यक्तिगत और सार्वजनिक क्षेत्रों में विकास के दौरान किसी भी प्रकार के व्यवधान ना हो पाए और अपने अपने लक्ष्यों की पूर्ति सुगमता से कर सके इसके लिए अनेक योजनाओं व कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।

                पिछड़ा वर्ग के लिए संचालित योजना का लाभ लेकर अपनी  पूरी शिक्षा दीक्षा लेकर  शासकीय शिक्षक पद पर चयनित होने तक राज्य सरकार की अनेक योजनाओं से लाभान्वित होने वाली शुभी दाँगी की जुबानी सफलता की कहानी

                मैं शुभी दाँगी, मेरा जन्म विदिशा जिले के कुरवाई तहसील के वाबई गांव में हुआ । मैंने अपनी 12 वीं तक की पढ़ाई पठारी के सरकारी स्कूल में पूर्ण की। मेने ठान रखा था कि सरकारी स्कूल से पढ़कर भी वो सबकुछ हासिल कर सकते हो जिसे आप चाहते हो। और पूवीं कक्षा में स्कूल में प्रथम स्थान लाकर मेरा यह भरोसा अटूट होता गया। इसी तरह मैंने 10वीं में 89 प्रतिशत और 12वीं में 85 प्रतिशत अंक लाकर विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया ।

                इसके बाद दो साल का डी.ईएल.ईडी डिप्लोमा, पूर्ण कर मैं शिक्षक बनने की तैयारी करने लगी साथ ही स्नातक की कॉलेज में हाई किया पढ़ाई के लिए विदिशा, गर्ल्स प्रवेश लिया 1

स्नातक के दौरान, प्राईवेट स्कूल में पढ़ाया। कॉलेज आने के दौरान मुझे पोस्ट मेट्रिक छात्रावास की छात्रावास अधीक्षिका श्रीमति नीलू नरवरिया जी मिली, जिन्होने मुझे छात्रावास में प्रवेश दिया और फिर मेरे मुश्किलों भरें दिनों में विराम लगा।मैंने मन लगाकर पढ़ाई की, जिसमे प्यार, प्रेरणा, अनुशासनशीलता, दिनचर्या, सहयोग के मैं- छात्रावास में एक साल रहकर, आज मैं छतरपुर जिले में शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हूं।

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