सभी कलेक्टर लॉकडाउन कर्फ्यू का सख्ती से पालन करायें – मुख्यमंत्री

उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिये सभी कलेक्टर्स को पुख्ता तैयारी करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी संभाग के कमिश्नर एवं सभी जिलों के कलेक्टर्स को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना का संकट बड़ा और गहरा है। यह लड़ाई लम्बी चलेगी। हमें लम्बी लड़ाई के लिये तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं जिले की टीम कोरोना संकट का सामना अच्छी तरह से कर रही है और बेहतरीन कार्य करके दिखा रही है। सारा अमला मिशन मोड में है। मुख्यमंत्री के नाते वे संतोष और संतुष्टि का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने जबलपुर एवं ग्वालियर में कोरोना प्रभावितों की संख्या न बढ़ने पर संतोष जाहिर किया और कहा कि भोपाल, इन्दौर में प्रभावितों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों के लिये कहा कि वे भी अभिनन्दन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिले में लॉकडाउन कर्फ्यू का पालन और सख्ती से करायें। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर एफआईआर की कार्यवाही करते हुए उन्हें जेल भेजा जाये। कोरोना संक्रमण को छुपाने वाले चाहे वे तबलीगी जमात के हों चाहे विदेशी जमात के, उनके इस कार्य को दूसरों को मारने की साजिश माना जायेगा। अत: नियमानुसार पुलिस विभाग जान-बूझकर संक्रमण छुपाने वालों पर कार्यवाही करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय हमें सभी के जीवन को बचाना है। कोरोना वायरस से बचने के लिये कोरोना की चेन को तोड़ना आवश्यक है। सोशल डिस्टेंस का पालन करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन, इन्दौर, भोपाल में सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराया जाये। अधिकारीगण लॉकडाउन का पालन कर्त्तव्य एवं निष्ठा से करें। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के नाम मीडिया के माध्यम से प्रकाशित करायें और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कहा कि भोपाल में पुलिसकर्मी भी संक्रमित हुए हैं, उनका इलाज प्राथमिकता के साथ किया जाये। मुख्यमंत्री ने बताया कि संक्रमण प्रभावितों को 50 हजार रुपये का बीमा कवर दिया जायेगा। उन्होंने भोपाल एवं इन्दौर कलेक्टर को निर्देशित किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि संक्रमण से डेथ रेट कम कैसे हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित जिले के कलेक्टर कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले व्यक्तियों की जानकारी भी दें। इस क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्सक एवं स्वास्थ्य विभाग के अमले को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा दी जाये। नर्स एवं आशा कार्यकर्ताओं को लाने-ले जाने के लिये वाहन सुविधा सुनिश्चित की जाये। पैरामेडिकल स्टाफ के रहने की पृथक से व्यवस्था की जाये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि विदेश से आये हुए लोगों की पूरी ट्रेकिंग की जाये। विशेषतौर पर जमातियों को ढूंढकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जाये और क्वारेंटाईन किया जाये। जो इलाके संक्रमण से प्रभावित हैं, उन इलाकों को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया जाये। मुख्यमंत्री ने बताया कि शासन ने भोजन डेस्क हेल्पलाइन प्रारम्भ किया है। डेस्क का प्रभावी संचालन किया जायेगा। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न रहे। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि लॉकडाउन की अवधि में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि न हो। मास्क, सेनीटाइजर एवं खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी न हो और यदि कोई कालाबाजारी करता हुआ पाया जाये तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यदि जिलों में दूसरे प्रदेश के लोग फंसे हुए हैं तो उनके भी भोजन की व्यवस्था की जाये। माल परिवहन बिना किसी बाधा के हो। साथ ही बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से चालू रखी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग कच्चा माल तैयार कर रहे हैं, उनकी निरन्तरता जारी रहनी चाहिये। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के जिले भी कोरोना वायरस की समाप्ति के लिये रोल मॉडल बनें। उन्होंने निर्देश दिये कि जिले में यदि स्वास्थ्य अमला संक्रमण की चपेट में आता है तो उसके पूर्व ही स्वास्थ्य विभाग के अमले की सेकण्ड लाईन भी तैयार रखी जाये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिला स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टरों की गुणवत्ता बढ़ाई जाये। उन्होंने अपील की कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में अधिकारी एवं कर्मचारियों को एक-एक दिन का वेतन देने के लिये प्रेरित किया जाये। श्री चौहान ने कहा कि यह सुनने में आ रहा है कि प्रायवेट अस्पताल अन्य रोग के मरीजों को नहीं देख रहे हैं। यदि कोई अस्पताल ऐसा कर रहा है तो उसके वियद्ध भी बड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। संभागीय मुख्यालय में स्थित अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिये चिन्हित किया जाये। यूनानी, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक दवाईयों का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषतौर पर किया जाये और लोगों को घरों में बने मास्क के बारे में बताया जाये और उन्हें मास्क बनाने के लिये प्रेरित किया जाये।
मुख्यमंत्री ने रबी उपार्जन की सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि 15 अप्रैल से गेहूं की खरीदी प्रारम्भ कर दी जायेगी। सभी कलेक्टर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए डेढ़ महीने में ही खरीदी का कार्य समाप्त कर दें। 30 मई तक सभी खरीदी सुनिश्चित कर लें। यदि खरीदी के लिये उपार्जन केन्द्र बनाने पड़ें, तो बनाया जाये। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शहर के अन्दर स्थित कृषि उपज मंडियों में उपार्जन का कार्य नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष एक करोड़ 15 लाख मैट्रिक टन तक उपार्जन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह एक बड़ी चुनौती है। इसे हमें हर हाल में पूरा करना है। उपार्जन के सम्बन्ध में उन्होंने विभिन्न जिलों के कलेक्टर से चर्चा भी की और निर्देश दिये कि युद्धस्तर पर कैप निर्माण अनिवार्य रूप से किया जाये।
उज्जैन जिले के कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने बताया कि जिले में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। जिले को 10 सेक्टर में बांटा गया है। एक हजार ठेलों के माध्यम से घर-घर सब्जी पहुंचाई जा रही है। दूध देने के लिये भी मोटर साइकल को परमिट किया गया है। अब तक लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 10 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। यहां एक ही परिवार के 6 व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव हैं। पॉजीटिव व्यक्तियों के पड़ौसियों की भी टेस्टिंग की गई है। शत-प्रतिशत एरिया का स्केनिंग करा लिया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सतत सम्पर्क रखा जा रहा है। पुलिस एवं पैरामेडिकल स्टाफ के रहने के लिये रेस्ट हाऊस एवं होटल की व्यवस्था की गई है। नर्सिंग स्टाफ एवं आशा कार्यकर्ताओं को लाने-ले जाने के लिये बसों की व्यवस्था की गई है। साथ ही चिकित्सकों का भी सेम्पल लिया गया है।
जिले के एनआईसी कक्ष में उज्जैन संभाग कमिश्नर श्री आनन्द कुमार शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश गुप्ता, डीआईजी श्री मनीष कपूरिया, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, आयुक्त नगर निगम श्री ऋषि गर्ग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अनुसुईया गवली सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।

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