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आदिवासीकला, संस्कृति, परम्परा, खानपान एवं वेशभूषा की भारतीय समाज में विशेष पहचान – मंत्री सुश्री भूरिया

इन्दौर : महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि आदिवासी कला, संस्कृति, परम्परा, खानपान एवं वेशभूषा की भारतीय समाज में विशेष पहचान है। आधुनिक युग में इन्हें सहेज कर रखना एक बड़ी चुनौती है, परन्तु यह गर्व का विषय है कि इन्हें बचाये रखने के लिए समाज की अनेक संस्थाएं निरन्तर प्रयास कर रही हैं। राज्य शासन द्वारा भी इन्हें सहेजने और संरक्षित करने के ‍लिए निरन्तर प्रयासरत है। हम समाज के सहयोग से आदिवासी कला, संस्कृति, परम्परा, खानपान एवं वेशभूषा को लुप्त नहीं होने देंगे।

      सुश्री भूरिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में वूमंस प्रेस क्लब मप्र द्वारा गाँधी हॉल में विगत दिवस आयोजित ट्राइबल फैशन शो को संबोधित कर रही थी। इस कार्यक्रम में प्रोफेशनल मॉडल की जगह आदिवासी समाज की महिलाएं परम्परागत वेशभूषा के साथ रैंप पर उतरी। आदिवासी  अंचलों की महिलाओं ने रैंप वॉक पर अपने पारंपरिक परिधान, आभूषण, भगोरिया नृत्य, गुड़िया कला, पिथोरा कला एवं आदिवासी लोक चित्रकला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री शंकर लालवानी ने की। विशेष अतिथि के रूप में विधायक गोलू शुक्ला, पूर्व विधायक श्री जीतू जिराती, स्तंभ लेखक एवं ब्लॉगर श्री प्रवीण कक्कड़, सेंट्रल जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर  मौजूद थे। अतिथियों ने कहा कि आदिवासी अंचल की महिलाओं के माध्यम से आदिवासी कला को व्यापक मंच देकर वूमंस प्रेस क्लब ने अच्छा प्रयास किया है। कार्यक्रम के प्रारंभ में वूमंस प्रेस क्लब की अध्यक्ष शीतल रॉय ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में अपनी लेखनी से समाज में जनचेतना जागृत करने  एवं सामाजिक कार्यों से समाज में विशेष योगदान देने वालों का सम्मान किया गया। अतिथियों ने वूमंस प्रेस क्लब की स्मारिका “शक्ति” का विमोचन भी किया।

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