ग्वालियर : शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं के कार्यालयों व अन्य स्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से आंतरिक परिवाद समितियों का गठन किया गया है। सभी समितियां अधिनियम के प्रावधानों के तहत सक्रिय होकर महिलाओं के हित में काम करें। यह बात “कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम के तहत बाल भवन में आयोजित हुई कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने कही। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुक्रवार को आयोजित की गई इस कार्यशाला में विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों में गठित आंतरिक परिवाद समितियों के लगभग 160 अध्यक्ष एवं सदस्यगणों ने अधिनियम की बारीकियां सीखीं।
साथ ही सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास श्री राहुल पाठक, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री मनीष सिंह व श्री मनोज गुप्ता एवं श्री उमेश वशिष्ठ सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधिगण मौजूद थे। सहायक संचालक महिला बाल विकास श्री राहुल पाठक ने बताया कि इस अधिनियम के अतंर्गत भारत सरकार द्वारा Shebox नाम से एक ऑनलाईन पोर्टल तैयार किया गया है। उत्पीडित महिला इस पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। अधिनियम के तहत जिले के जिन शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों में समितियों का गठन किया जा चुका है, उन समितियों की जानकारी भी Shebox पोर्टल पर अपलोड की जाना है। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद आंतरिक परिवाद समितियों के अध्यक्षों व सदस्यों से भी अधिनियम की जानकारी अधिक से अधिक महिलाओं को देने का आग्रह किया। कार्यशाला में सामाजिक संस्था के संयोजक श्री उमेश वशिष्ठ ने अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं और पुरुषों को समान व्यवहार मिले, इसके लिये आंतरिक परिवाद समिति सक्रियता से काम करें। परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री मनोज गुप्ता ने महिला उत्पीड़न की रोकथाम के संबंध में अधिनियम बनाने की पृष्टभूमि के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शासकीय एवं अशासकीय कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस अधिनियम का गठन किया गया है। 10 या 10 से अधिक महिलायें होने पर कार्यालयों में समिति का गठन अनिवार्य किया गया है। अधिनियम के तहत किसी कार्यालय में अगर आंतरिक परिवाद समिति का गठन नहीं किया जाता है तो अधिनियम के तहत 50 हजार रूपए तक के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। समिति के सभी अध्यक्षों से यह भी आग्रह किया गया कि वे अपने-अपने कार्यस्थलों पर आंतरिक समिति का बोर्ड भी डिस्प्ले कराएं। कार्यशाला में ग्वालियर ग्लोरी हाई स्कूल की प्रार्चाय डां. राजेश्वरी सावंत एवं पेरालीगल वालिंटीयर श्रीमति सबा रहमान द्वारा अधिनियम के विषय में अपना फीडबेक दिया गया।
















Leave a Reply