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कला विविधताओं का प्रदर्शन ‘गमक : रंग मध्यप्रदेश’

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित बहुविधि कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक: रंग मध्यप्रदेश’ श्रृंखला अंतर्गत संस्कृति संचालनालय द्वारा 10 नवम्बर, 2020 को स्वामी जी. सी. डी. भारती, रायपुर द्वारा ‘कबीर गायन’ की प्रस्तुति हुई। प्रस्तुति की शुरुआत कबीर पद- मन लागो मेरो यार फ़कीरी में। पश्चात्- जरा धीरे-धीरे गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ी वाले, अमीर खुसरो का पद- लाल मोरी पत रखियो जरा आदि की प्रस्तुति दी।
मंच पर- सह्गायन और परकशन पर श्री इन्दु भूषण और श्री गोपी कृष्ण भारती, सह्गायन एवं मंजीरा पर श्री पावसानंद भारती और श्री वाचसपति भारती तथा तबले पर श्री अनुभव भारती ने संगति दी।
लोक कलाओं के लिए प्रसिध्द छत्तीसगढ़ से, कबीर की साखियों के गायन के लिये भारती बंधु ख्यात हैं। भारती बंधु, पांच भाई हैं जो कबीर को गाते हैं। अपनी गायन की अनूठी शैली से कबीर को घर-घर पहुंचाने वाले भारती बंधु में से सबसे बड़े भाई कहते हैं ‘‘मैंने अपना नाम कबीर को समर्पित कर दिया है।’’ यही वजह है कि लोग उन्हें पद्मश्री डॉक्टर भारती बंधु कहते हैं। भारती बंधु भक्ति संगीत की अपनी परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं। भारती बंधु ने कबीर को गाना शुरू किया और लगातार देश प्रदेश के प्रतिष्ठित कला मंचों पर अपनी गायिकी से अमित छाप छोड़ी है। दुबई, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका और रूस की यात्रा कर चुके हैं। उन्हें वर्ष 2013 में पद्मश्री सम्मान मिला है और वर्ष 2015 में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी है।
गतिविधियों का सजीव प्रसारण संग्रहालय के सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब http://bit.ly/culturempYT और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/culturempbpl/live/ पर भी किया गया।

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