इन्दौर। (रंग संस्कृति प्रतिनिधि) सूत्रधार द्वारा आयोजित त्रि दिवसीय नाटय समारोह की दूसरी संध्या में नाटक कथा गायक टंट्या का मंचन जाल सभागार में हुआ।
लोक गुंजन नाट्य संस्था कि इस प्रस्तुति का निर्देशन जाने-माने लोक गायक एवं रंग निर्देशक प्रवीण चौबे ने किया। ‘कथा गायक टंट्या एकल नाट्य प्रस्तुति रही’ जिसका गीत संगीत, परिकल्पना एवं एकल अभिनय प्रवीण चौबे द्वारा किया गया स टंट्या मामा के समग्र जीवन, उनके शोर्य, बलिदान के साथ सामाजिक पारिवारिक समरसता को दिखाता हुआ यह नाटक दर्शकों को न केवल मनोरंजन देता है बल्कि टंट्या की राष्ट्रभक्ति करते हुए आम दर्शक को प्रेरित भी करता है। एकल नाट्य प्रस्तुति में टंट्या को रंगमंच पर प्रस्तुत करना निश्चित तौर पर एक संपूर्ण अभिनेता की पहचान के साथ निर्देशन की गहरी समझ भी दिखलाता है।
प्रवीण चौबे द्वारा एकल अभिनय के साथ उन मुक्त कंठ से लोक में व्याप्त पारंपरिक टंट्या के पदों और कुछ मौलिक गीतों को गाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया स निमाड़ी एवं आदिवासी लोक शैली में मंचित इस नाटक में नवाचार और नए प्रयोग साफ तौर पर दिखाई दे रहे थे।
मंच परिकल्पना से लेकर प्रकाश संचालन तक सभी कुछ लोक एवं जनजाति शैली पर आधारित था। दर्शकों ने इस 1 घंटे की प्रस्तुति का पुरजोर आनंद लिया। संगीत संयोजन विकास सिरमोलिया, सौरभ अहिरवार का रहा। नेपथ्य में कृष्ण लाल विश्वकर्मा , हर्षित शर्मा, ऋषभ एवं मयंक शर्मा की विशेष भागीदारी रही ।
अभिनय, कथा ,गायन से सजा ‘कथा गायक टंट्या’

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