खरगोन। जिला स्तरीय डायग्नोस्टीक दल द्वारा गुरूवार को कृषकों के खेतों में खरीफ फसलों का निरीक्षण किया गया। दल में कृषि उपसंचालक श्री एमएल चौहान, प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जेएस कुल्मी, सहायक संचालक श्री पियुष सोलंकी, श्री राधेश्याम बड़ोले एवं श्री दिपक मालवीया शामिल रहे। जिले में अब तक 590 मिमी वर्षा हुई है। जबकि गतवर्ष अब तक 322 मिमी वर्षा हुई थी। गतवर्ष की तुलना में इस वर्तमान में 268 मिमी अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जिले में अच्छी वर्षा होने से वर्तमान खरीफ की समस्त फसले कपास, सोयाबीन, मक्का, अरहर इत्यादि फसलों की स्थिति अच्छी रही है।
इस दौरान डॉ. कुल्मी ने बताया कि इस वर्ष खरीफ में अनुसंधान केन्द्र खरगोन में सोयाबीन फसल की 30 किस्मों के फिल्ड प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं। जिसमें सोयाबीन की नवीनतम एवं निमाड़ क्षेत्र में अधिक उपज देने वाली किस्मों को सम्मिलित किया गया है। साथ ही सोयाबीन प्लस अरहर एवं सोयाबीन प्लस कपास के अंतरवर्तीय फसलों के प्रदर्शन, प्राकृतिक कपास का प्रदर्शन एवं 10 माइनर मिलेट छोटा अनाज जैसे कोदो, रागी, सांवा इत्यादि फसलों के प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं। जिले के कृषक इन फसल प्रदर्शनों का अवलोकन कर कृषि विज्ञान केन्द्र से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
निरीक्षण के दौरान ग्राम मगरिया के कृष गोकुल पिता गनीया कुशवाह के खेत में मक्का एवं मिर्च की फसल का अवलोकन किया गया। अवलोकन के दौरान मक्का फसल में कहीं पर फॉल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप देखा गया। जिसके बचाव के लिए फ्लूबेन्डामाइट 20 डब्ल्यू डीजी 250 ग्राम प्रति हेक्टयर या स्पाईनोसेड 15 ईसी, 200-250 ग्राम प्रति हे. या इथीफनप्रॉक्स 10 ईसी 1 लीटर की मात्रा में 200-250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हे. या एमिमोमेकटीन बेंजोएट 5 एसजी का 200 ग्राम प्रति हे. में कीट प्रकोप की स्थिति अनुसार 15-20 दिन के अन्तराल में 2 से 3 छिड़काव करने की सलाह दी है।
वहीं मिर्च फसल में रस चुसक कीटों के नियंत्रण के लिए पीले चिपचिपे कार्ड 20 प्रति एकड़ की दर से लगाने एवं पायरोप्रोक्सीफेन प्लस बायफेनथ्रिन 15 ईसी 10 एमएल प्रति पम्प 15 लीटर की दर से छिड़काव करें।
कपास फसल के पौधों के पत्तों में रस चुसक कीट थ्रिप्स, हरा मच्छर आदि के नियंत्रण के लिए फ्लोनिकोमिड 50 प्रतिशत डब्ल्यूजी 5 ग्राम प्रति पम्प या डायनोटेफ्यूरान 20 एसजी 5 ग्राम प्रति पम्प या फिप्रोनिल 20 एमएल प्रति पम्प छिड़काव करने की सलाह दी है। कपास में अमेरिकन एवं गुलाबी इल्ली के रोकथान तथा नियंत्रण के लिए फेरोमेन ट्रेप 4 प्रति एकड़ के मान से लगाएं। गुलाबी इल्ली दिखाई देने पर क्लोरएंट्रानिलीप्रोल 18.5 एससी 5 एमएल प्रति पम्प या फ्ल्यूबेण्डीएमाईड 39.35 एससी 5 एमएल प्रति पम्प से छिड़काव करें।
साथ ही कृषकों को सलाह दी कि सोयाबीन की फसल में गर्डल बीटल, सेमीलूपर एवं पीला मोजेक के नियंत्रण के लिए थामोमिथाक्जम 12.6 प्रतिशत प्लस लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 9.5 को 5 एमएल प्रति पम्प या क्लोरएंट्रानिलीप्रोल 9.3 प्रतिशत लेम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.6 जेटसी 6-8 एमएल प्रति पम्प से छिड़काव करने की सलाह दी है।
डायग्नोस्टिक दल ने खरीफ फसलों का किया निरीक्षण, कीट नियंत्रण के लिए दवाई छिड़काव करने की दी सलाह

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