चार दिवसीय पुतुल समारोह में हुई एक दोस्त की खोज कथा की प्रस्तुति

भोपाल। जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में कठपुतली कला की विविध शैलियों पर एकाग्र पुतुल समारोह का आयोजन 13 से 16 अक्टूबर, 2024 प्रतिदिन सायं 6.30 बजे तक किया जा रहा है। समारोह में 13 अक्टूबर 2024 को कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन एवं कलाकारों के स्वागत से किया गया। इसके बाद समारोह में एक दोस्त की खोज कहानी को बोलते गुड्डे / मपेट शैली में सुश्री संज्ञा ओझा एवं साथी- महाराष्ट्र द्वारा प्रस्तुति दी गई। द पपेटेरियंस समूह द्वारा रचित इस प्रस्तुति में कठपुतलियों के कई प्रकार और उनका संचालन किया गया। प्रस्तुति में मंचित की गई कथा पुराणों में लिखी गयी बहुत पुरानी एक कथा है जिसमें अलग-अलग प्राणी और प्रकृति रचने की बात कही गई है। इसमें बताया कि एक छोटा श्वान (कुत्ता) अपना सबसे शक्तिशाली दोस्त ढूंढने निकलता है। रास्ते में उसे बंदर, शेर एवं अन्य कई जानवर भी मिलते हैं और अंत में उसे एक शिकारी मिलता है, जो उसका सबसे अच्छा और शक्तिशाली दोस्त बन जाता है। कथा में बताया कि श्वान कैसे इंसान का सबसे अच्छा दोस्त बन गया। एक घंटे की कहानी में सुश्री संज्ञा ओझा और हाशिम हैदर ने प्रस्तुति दी।  वहीं समारोह में दोपहर की प्रस्तुति में भोपाल के श्री मुकेश भारती एवं साथी, भोपाल द्वारा राजस्थानी गीतों एवं कहानियों पर आधारित प्रस्तुति दी गई।

समारोह में 14 अक्टूबर 2024 को श्रीराम-सीता स्वयंवर, पंचवटी प्रसंग धागा/छाया पुतली शैली में श्री चेतन गंगावने एवं साथी- महाराष्ट्र द्वारा और 15 अक्टूबर 2024 को  धोबी-धोबन / रासलीला किंपरातु धागा पुतली शैली में श्री लाला भाट एवं साथी- दिल्ली द्वारा एवं 16 अक्टूबर 2024 को माँ दुर्गा / राजा की जोरा सिंह कथानक को मपेट/बोलते गुड्डे/छड़ पुतली शैली में श्री दिलीप मंडल एवं साथी- पश्चिम बंगाल द्वारा  प्रस्तुति दी दी जाएगी। समारोह में प्रतिदिन दोपहर 2.00 बजे से देशज व्यंजन एवं दिलीप मासूम, राहुल भट्ट घनश्याम भट्ट – भोपाल द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। समारोह में आप सभी सादर आमंत्रित है। प्रवेश निशुल्क है।

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