भोपाल। मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, म.प्र. संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के अंतर्गत “महफ़िले क़व्वाली” का आयोजन 25 फ़रवरी 2025 को शाम 7:30 बजे भोपाल की ऐतिहासिक धरोहर गोलघर, शाहजहाँनाबाद, भोपाल में संचालनालय पुरातत्त्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के सहयोग से किया गया।
मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ नुसरत मेहदी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उर्दू अकादमी द्वारा गोलघर में आयोजित की जा रही क़व्वाली का मुख्य उद्देश्य भोपाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना और शहर के ऐतिहासिक स्थलों को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़कर उन्हें जीवंत बनाना है। इस आयोजन के माध्यम से अकादमी निवेशकों और आगंतुकों को यह संदेश देना चाहती है कि भोपाल न केवल व्यापार और निवेश के लिए एक अनुकूल स्थान है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक गहराई और ऐतिहासिक महत्व भी अद्वितीय है।
इस प्रकार, उर्दू अकादमी का यह प्रयास न केवल भोपाल की पहचान को सशक्त करेगा, बल्कि शहर को सांस्कृतिक पर्यटन और वैश्विक निवेश के लिए भी आकर्षक बनाएगा।
महफ़िले क़व्वाली में नासिर हुसैन साबरी ने जो कलाम पेश किये वो निम्न हैं।
1.काबे में तेरा जलवा काशी में नजारा है
वो भी हमे है प्यारा ये भी हमे प्यारा है
2.अब तो हर वक़्त यही काम किया करते हैं
3.लहराये आसमान में भारत का तिरंगा
4.छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइ के
5.दमा दम मस्त क़लन्दर
कार्यक्रम के अंत में डॉ. नुसरत मेहदी ने सहयोग के लिए संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय का तथा सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय की ओर से प्रभारी अधिकारी रितेश शर्मा एवं पुरातत्त्व विद डॉ अहमद अली विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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