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तुलसी जयंती समारोह में दी गई भक्ति गायन और व्याख्यान की प्रस्तुति

सतना : मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग की जनजाति लोक कला एवं बोली विकास अकादमी के अंतर्गत संचालित तुलसी संस्थान चित्रकूट द्वारा दो दिवसीय आयोजन के अंतर्गत दूसरे दिन भक्ति गायन और व्याख्यान के साथ पुस्तक विमोचन तुलसी शोध संस्थान चित्रकूट के सभागार में सम्पन्न हुआ। समारोह के द्वितीय दिवस सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत रीवा से श्रीमती मणिमाला सिंह और साथी कलाकारों द्वारा बघेली में राम कथा साहित्य के साथ समसामयिक सोहर, सावन आदि गीतों की प्रस्तुति जन रंजन रही तथा भोपाल से आये हुए फूल सिंह मांडरे के सांस्कृतिक दल द्वारा बुंदेली गीतों की मनोहर प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें राम कथा के विभिन्न प्रसंगों को बुंदेली अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया। जिससे माहौल उत्साह एवं भक्तिमय हो गया। प्रारंभिक वक्ता के रूप में डबरा से आये राम गोपाल भावुक द्वारा शम्बूक वध मिथक को प्रतिपादित किया गया। इस अवसर पर डॉ. अवधेश कुमार चंसौरिया द्वारा श्री राम कथा साहित्य विषय पर सारगर्भित उद्बोधन प्रदान किया गया। कार्यक्रम में पूज्य संत भैरव दास जी महाराज, प्रोफ़ेसर अवधेश प्रसाद पाण्डेय, अवधेश कुमार चंसौरिया, सेवानिवृत्त प्राध्यापक हिन्दी ग्वालियर तथा डॉ. रामगोपाल भावुक, तुलसी शोध संस्थान के निदेशक दीपक कुमार गुप्ता के साथ सर्वप्रथम गोस्वामी तुलसीदास के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर आचारी आश्रम के छात्र जनसमूह एवं सुधीजन उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. अवधेश कुमार पाण्डेय ग्वालियर द्वारा एक विशेष विधा में लिखी गई पुस्तक हाइकु दर्पण का विमोचन भी सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर स्थानीय पार्षद श्रीमती रवि माला सिंह, विनोद सिंह, संस्थान की ओर से रामेश्वर पटेल राधामोहन और ग्रामोदय विश्वविद्यालय से आरके पाण्डेय उपस्थित रहे।

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