जनजातीय संग्रहालय में ‘पटेल-पटलन’ लोकनाट्य प्रस्तुति का हुआ मंचन

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में रंग प्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रृंखला ‘अभिनयन‘ में ‘पटेल-पटलन’ लोकनाट्य प्रस्तुती का मंचन श्री शोभाराम वासुरे के निर्देशन में संग्रहालय सभागार में हुआ। लोकनाट्य परिवार के गृहस्थ जीवन पर आधारित है। जिसे निमाड़ की गम्मत शैली में प्रस्तुत किया गया। जहां एक पटेल का परिवार है और मुखिया पटेल शराब का लती है। देव दर्शन की भावना से पटेल ओंकारेश्वर तीर्थ यात्रा पर अकेले ही जाना चाहता है परन्तु पत्नी के हठ के कारण वह पत्नी को साथ ले जाता है। जहां मेले में पटेल की बहन को भी आना होता है पर वे आपस में वहां मिल नहीं पाते और परेशानियों का सामना करते हुए अपने घर वापस आकर मिलते हैं और इस बात पर झगडे होते हैं गुस्से में पटलन अपने मायके जाने को तैयार होती है तब पटेल उसे रोकता है इस बात का फायदा लेते हुए पटलन पटेल के सामने शर्त रखती है कि यदि पटेल भविष्य में कभी भी शराब का सेवन नही करेगा तो वह नहीं जायेगी (म्हाणा धनी, म्हाणे घर का धनी..) पटेल पटलन की शर्त मान लेता है और सभी सुख से रहने लगते हैं। निमाड़ की परम्परानुसार यह नाट्य गम्मत शैली में धार्मिक होने के साथ ही समाज को शैक्षिक संदेश देता है। सभी कलाकारों ने अपने कलात्मक अभिनय कौशल से मनमोहक प्रस्तुतियां दी। महेश्वर,मण्डलेश्वर,ओमकारेश्वर की पावन नगरी आस्था का स्थान है जहां अत्याधिक संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। निमाड़ के लोगों को प्रभावित करने के लिए लोकनाट्य,लोकनृत्य संवाद एवं गायन गम्मत शैली के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। नाट्यप्रस्तुति के दौरान मंच पर शोभाराम वासुरे, सुनील पाण्डे, सुभद्र फागना, पूजा, वसु, लक्ष्मी, अंतिम, अतुल, चैतन्य, हिमांशु, गौरव ने शानदार अभिनय किया।

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