खंडवा। कवि कला संगम परिवार (ककस) के तत्वावधान में युवक युवतियों के विवाह में बाधक शादी पैकेज? परिचर्चा का आयोजन रामेश्वर रोड़ स्थित उपमन्यु हाल में किया गया। यह जानकारी देते हुए ककस प्रवक्ता एवं सिंधी साहित्यकार निर्मल मंगवानी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतुल केशरे सम्पादक इंदौर थे। विशेष अतिथि-मंगला चौरे एवं तारकेश्वर चौरे थे । अध्यक्षता -डॉ जगदीशचंद्र चौरे ने की।
ककस संस्थापक सुनील चौरे उपमन्यु ने अतुल केशरे का सुरभि साहित्य अकादमी के सौजन्य से अतिथियों के साथ मोतियों की माला, शाल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र प्रदान कर उन्हें समाज रत्न गौरव की उपाधि से अलंकृत किया गया। परिचर्चा का प्रारम्भ करते हुए उपमन्यु ने युवक युवतियों के विवाह में पैकेज की मांग को बाधक माना। उन्होंने कहा कि यह पैकेज कोबरा नाग बन अच्छे रिश्तों को डस रहा है।
समाज को इस बात को संज्ञान लेकर युवक युवतियों को समझाइश देना चाहिए। इसके पश्चात विशेष अतिथि मंगला चौरे एवं तारकेश्वर चौरे ने परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि निश्चित ही आज पैकेज के लोभ ने कितने ही रिश्ते न बनने दिए। इस पैकेज के कारण विवाह प्रभावित हो रहे है। भूपेंद्र मौर्य ने कहा कि मैं स्वयं चौतीस वर्ष का हो गया हूं। प्रायवेट नौकरी है, इसलिए नही मिली छोकरी है। यह व्यथा काव्य के माध्यम से प्रस्तुत की। ओमप्रकाश चौरे ने कहा कि इस विषय पर गम्भीरता से विचार विमर्श होना चाहिए। लाखों का पैकेज वाला भी जितना प्रेम करेगा उतना मजदूरी करने वाला भी। सोच बदलना होगी। कविता जाटव ने भी दिखावा एवं पैकेज के कारण विवाह के रिश्ते नही बन पा रहे है, दूसरा युवक युवतियों द्वारा शर्ते भी विवाह के बनते रिश्तों को प्रभावित कर रही है। युवा कवि विश्वास पांचाल ने भी इस परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए युवक युवतियों की सोच को कोसा एवं अच्छी सोच धारण करने पर बल दिया। युवा कवयित्री निकिता पटेल ने पहली बार ककस के मंच से अपनी काव्य यात्रा प्राम्भ करते हुए काव्य पाठ किया। योगिता पंवार एवं शिवानी जामले ने भी विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि अतुक केशरे ने कहा कि पैकेज, दिखावा, अनुकरण ये तीन बातें किसी विवाह के जमते रिश्तों में बिगाड़ करवा देती है। उसके पति का पैकेज 25 लाख है तो मेरे पति का 30 लाख हो, उसके पास आलीशान घर है मेरे पास हो, वो माता पिता से अलग है मैं भी अलग रहूं। बस समय रहते सुधार होना जरूरी है व हम सब सुधार करेंगे।अध्यक्षता कर रहे डॉ जगदीश चौरे ने गहन चिंता व्यक्त कर कहा कि आज युवक युवतियों की उम्र बढ़ती जा रही है जो उचित नही अच्छा परिवार देख,बाकी बात छोड़ रिश्ता तय करना चाहिए। आभार ओम प्रकाश चौरे ने माना।
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