6 जुलाई को दिन था बुधवार और अवसर था शहर वासियों को शहर सरकार चुनने का, उस दिन सुबह से मौसम भी मेहरबान था। उम्मीद जताई जा रही थी कि मतदान के प्रति उत्साह शनै शनै बढ़ता जाएगा। कार्यकर्ताओं के साथ प्रत्याशियों के चेहरे भी आश्वस्त दिखाई दे रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे समय अपनी गति से बढ़ने लगा वैसे वैसे मतदान के प्रतिशत को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी परिणाम यह रहा कि विशेषज्ञाों के अनुसार ग्वालियर में 30 हजार लोग भोपाल में 40 हजार लोग मतदान नहीं कर पाए इंदौर में तो यह आंकड़ा 60 हजार पार कर गया। कईँ लोगों को बूथ के बाहर अपना नाम ढूंढने के लिए परेशान होते देखा गया, यहां तक की गणमान्य नागरिक एवं अधिकारियों भी एक बूथ से दूसरे बूथ तक असमंजस की स्थिति में दिखाई दिए। चुनाव आयोग बसंत प्रताप सिंह का इस बारे में कहना है कि सबको अपना मतदान केंद्र एक दिन पूर्व ही पता कर लेना चाहिए था, उनके अनुसार समय रहते जानकारी मिलने पर नाम जोड़े भी गए हैं। सुनने में यह सीधा सा और कड़वा जवाब लगता है।क्या सचमुच ऐसा होता तो समस्या हल हो जाती? मतदान को प्रथम कर्तव्य मानकर हर बार जनसामान्य को चुनाव में जागरूक किया जाता है। हमस्वतंत्रता के 75वें वर्ष में जी रहे हैं बावजूद उसके देश के कई नागरिकों द्वारा मतदान को महत्व नहीं दिया दिया जाता है। हम यह भूल जाते हैं कि पसंद की सरकार चुनने से विकास की राह भी आसान हो जाती है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रत्याशी भी इस बार अपने लक्ष्य के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहे थे, हो सकता है इस कारण से उनके द्वारा भी प्रति व्यक्ति संपर्क अभियान की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया गया। चुनाव अभियान में लगे कर्मचारियों के साथ कार्यकर्ताओं द्वारा भी मतदान से संबंधित पर्चियां मतदाताओं तक पहुंचाई जाती रही है उसके बावजूद यह गड़बड़ी दिखाई दी । समाचारों के अनुसार अकेले भोपाल शहर में 51.60 प्रतिशत मतदान हुआ, यानिकि शहर के लागभग 50℅ लोग मतदान से वंचित रह गए, मजे की बात यह है कि इसमे प्रबुद्ध वर्ग भी सम्मिलित है। यह एक विचारणीय प्रश्न होना चाहिए कि जब किसी संत महात्मा या ज्योतिष द्वारा एक रुद्राक्ष के लिए हम हजारों मील से दौड़े चले आते हैं, क्या मतदान के पूर्व मतदाता क्रमांक एवं बूथ का पता लगाने हेतु हमारी कोई जिम्मेवारी नहीं है ?
भोपाल शहर में 6 जुलाई को 8 महापौर एवं 398 पार्षद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है मतगणना दूसरे चरण के पश्चात 18 जुलाई को होना है,परिणाम बताएंगे कि शहर सरकार चुनने में हमारी भूमिका क्या रही है। मो.: 9425004536
कब बदलेगी सूरत ?

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