ज्ञान के सहारे होगी विकसित भारत की राह आसान

यतीन्द्र अत्रे

देश की बहुआयामी और विकास यात्रा की राह में वित्त मंत्री सीता रमन द्वारा बजट प्रस्तुत कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत जहां शिक्षा एवं युवा कौशल के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं वहीं कर मुक्त आय 12 लाख तक की घोषणा करते हुए लंबे समय से प्रतीक्षारत मध्यम वर्ग की मांग को पूरा गया है। बजट की बड़ी घोषणाओं में अब वरिष्ठ नागरिकों को बैंक ब्याज से रू 1 लाख तक की कमाई पर टीडीएस का नहीं काटना, दूसरी ओर ऐसे कामगार जो ओला, उबर, स्विग्गी और जोमैटो जैसी संस्थाओं के साथ अनुबंध पर कार्य करते हैं उन्हें  5 लाख रुपए तक के फ्री इलाज वाली पीएमजेएवाई योजना से जोड़ना देशवासियों के दिलों को छू लेने जैसा निर्णय है। संभवतः इस वर्ग के लिए किसी भी सरकार ने अभी तक चिंता नहीं जताई होगी। ऐसे सभी कामगारों को ई पोर्टल पर पंजीकृत कर वहीं से इन्हें पहचान पत्र जारी हो सकेंगे। बताया जा रहा है कि ऐसे कार्यकर्ता जिनकी सामाजिक सुरक्षा को सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाना है उनकी संख्या पूरे देश में एक करोड़ के लगभग है।

  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट को प्रधानमंत्री मोदी ने ज्ञान बजट का स्वरूप बताया है।  प्रधान मंत्री ने बताया कि अंग्रेजी शब्दों के अनुसार ज्ञान के प्रथम शब्द G से गरीब Y से युवा A से अन्नदाता और N से नारी शक्ति पर ध्यान केंद्रित किया है। जब वित्त मंत्री बजट में 12 लाख तक की आय को कर मुक्त करने की घोषणा कर रही थी उसी दौरान जहां सरकार के सदस्य मेज थपथपा कर घोषणा का स्वागत करते हुए नज़र आ रहे थे, वहीं विपक्षी सांसद मायूस होकर असमंजस की स्थिति में दिखाई दिए जैसे उन्हें समझ नहीं आ रहा हो कि इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी। विशेषज्ञों द्वारा बजट को दूरदर्शिता, रणनीति और महत्वाकांक्षा का एक साहसिक मिश्राण बताया गया है। बजट में साइंस टेक्नोलाजी को लेकर कईं घोषणाएं हैं तथा सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। बताया जा रहा है कि देश में 6 से 36 लाख तक कमाने वाले 56 करोड लोग मध्यम वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। 12 लाख तक की कर मक्त आय के निर्णय से उनके पास लगभग 1 लाख करोड रुपए अतिरिक्त होंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।  विशेषज्ञों द्वारा विकसित राष्ट्र की दिशा में यही एक बड़ा कदम माना जा रहा है। दूसरा निर्णय जो आकर्षित करता है वह है वर्ष 25. 26 से गांव में स्टार्टअप कंपनियों का खोला जाना। इस निर्णय से  ग्रामीणों को नौकरियां मिलेगी और इसमें माध्यम बनेगी  इंडियन पोस्टल सर्विस जो देश के दूर-दराज इलाकों को लाजिस्टिक सुविधाओं से जोड़ेगी। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर होंगे तो वहां से पलायन भी रुकेगा। टैक्स प्रणाली के साथ उसे युक्ति संगत बनाना, आर्थिक विस्तार कर बुनियादी ढांचे मैं परिवर्तन लाना भारत को विकसित राष्ट्र की राह में आगे ले जाने के लिए यह बजट एक साहसिक पहल होगी।

मो.: 9425004536

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