मोदी लहर ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को प्रचंड बहुमत से विजय दिला दी है। देखा जाए तो यही सच है बाकी सब झूठ मालवा, निमाड़ और निकटस्थ राजस्थान एवं गुजरात के क्षेत्र में एक मुहावरा बहुत प्रचलित है सौ सुनार की, एक लोहार की। ऐसा ही कुछ पिछले विधानसभा चुनावों में भी घटित हुआ है। कितने ही राग आलापे गए, लेकिन जीत मोदी जी के विश्वास की हुई है। यह धीरे से ही सही किंतु धीरे-धीरे स्वीकारा जाने लगा है। आंकड़े सभी के सामने हैं इन्हें तो आप झुठला नहीं सकते हैं। समाचारों के अनुसार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। पीएम मोदी के जादू और गेम चेंजर कहीं जाने वाली लाडली बहनाओं की लहर ने भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश में 163 सीटों से विजय तिलक कराया है, वहीं दूसरी बड़ी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटों से संतोष करना पड़ा है। इसकी बड़ी वजह यह भी रही कि भाजपा ने सत्ता में रहते हुए भी मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना यह चुनाव लड़ा। कहा यह जा रहा है कि पिछले 20 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है जहां केंद्रीय मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय महासचिव भी चुनावी मैदान में दिखाई दिए। हालांकि कांग्रेस ने भी आम सभाओं के साथ जनता का विश्वास जीतने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और 17 नवंबर से 3 दिसंबर के बड़े समय अंतराल में बड़े नेता दावा भी कर रहे थे , फिर भी चारों ओर संशय का वातावरण निर्मित था कि ऊंट किस करवट बैठेगा। इस संशय की चुप्पी का जवाब मतदाताओं ने 3 दिसंबर को मोदी की गारंटी में अपना विश्वास दर्ज करा कर दिया। रंग संस्कृति समाचार के इस अंक के प्रकाशित होने के एक-दो दिन बाद ही संभवतःराजस्थान, छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री के रूप में प्रजा को अपना नया राजा मिल जाएगा। किंतु अब यह प्रश्न स्वाभाविक सा होगा कि आगे क्या होगा – क्या सब कुछ थम जाएगा – या प्रदेश,देश विकास की नई इबारत लिखेगा। (क्योंकि मतदाता से तो कुछ इसी अंदाज में मतदान कराया जाता है) या फिर जीते प्रत्याशी कुछ दिनों जीत के मद में होंगे या हारे अपना आकलन करेंगे। मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी के कथन इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं, उन्होंने कहा है कि – जब सफलता हासिल होती है तो आप उसे दोहराना चाहते है, इसके विपरीत बड़ी हार जरूर परेशान करती है लेकिन कम समय के लिए। यदि आप प्रोफेशनल हैं तो आपको बहते रहना होगा। यदि आप चांस मिस करते हैं तो आपको अगले मौके के बारे में सोचना होगा। अफसोस में डूबने का तो सवाल ही नहीं … सचमुच ऐसे प्रेरणादायक शब्द जीवन में जादुई शक्ति का एहसास करते हैं। बहरहाल स्वतंत्रता के बाद से विकास के साथ देश मैं जो परिवर्तन होते दिखाई दे रहे हैं, उन पर दृष्टि डालते हैं – सर्वप्रथम तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भावनात्मक लगाव के कारण देशवासियों से कहा है कि उन्हें मोदी जी नहीं वरन मोदी कहा जाए। प्रधानमंत्री का मानना है कि वे इस संबोधन परिवर्तन से देशवासियों के ज्यादा निकट होंगे। स्वतंत्र भारत के इतिहास में संभवत ऐसा पहली बार हो रहा होगा। दूसरा परिवर्तन उन्होंने चार वर्गों को अपने शब्दों में परिभाषित किया है उन्होंने कहा है कि मेरे लिए चार जातियां महत्वपूर्ण है पहला देश का युवा,दूसरा देश का महिला वर्ग, तीसरा किसान और चौथा गरीब उनके संबोधन से यह अनुमान लगाया जाना स्वाभाविक होगा कि उनकी भावी योजनाएं इनके कल्याण के लिए ही होगी और वे इन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने हेतु वे कृत संकल्पित होंगे। अब हम कल्पना करें कि परिवर्तन की राह में नया भारत कैसा होगा, या फिर भरोसा रखें मोदी है तो सब मुमकिन ही होगा।
मो.9425004536
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