खरगोन : कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने जिले में संचालित छात्रावासों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को प्रत्येक छात्रावास के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर उन्हें नियमित रूप से छात्रावासों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में 10 मार्च को नोडल अधिकारियों एवं छात्रावास अधीक्षकों की बैठक लेकर छात्रावासों की व्यवस्था एवं उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की गई। बैठक में डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूर्वा मण्डलोई, श्री लोकेश छापरे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री एसके कानुड़े, डीपीसी, जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी एवं सभी नोडल अधिकारी व छात्रावास अधीक्षक उपस्थित थे।
नोडल अधिकारी छात्रावासों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें
बैठक में कलेक्टर सुश्री मित्तल ने नोडल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि वे हर माह छात्रावास का नियमित निरीक्षण करें और निरीक्षण का प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। निरीक्षण के दौरान छात्रावास के बच्चों की आभा आईडी, अपार आईडी, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, स्वास्थ्य परीक्षण, किचन गार्डन, फ्रीज, गीजर, आरओ वॉटर, नल कनेक्शन, सीसीटीव्ही कैमेरे, टीवी, मच्छरदानी, छात्रावास में स्टडी रूम, भोजन की व्यवस्था देखें। इनमें किसी भी तरह की कमियां पाये जाने पर निरीक्षण प्रतिवेदन में उसका उल्लेख करें। छात्रावास के सभी बच्चों के आभा आईडी, अपार आईडी, आयुष्मान कार्ड एवं आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बना होना चाहिए। सभी छात्रावासों में जल जीवन मिशन का नल कनेक्शन एवं किचन गार्डन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। जिन छात्रावासों में गीजर एवं फ्रीज की व्यवस्था नहीं है, आगामी 06 माह में सीएसआर मद से या दान दाताओं से दान लेकर इनकी व्यवस्था की जाए।
छात्रावास में सीसीटीव्ही कैमरा अनिवार्य रूप से लगा हो
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने छात्रावास अधीक्षकों से कहा कि वे अपने क्षेत्र के खण्ड चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर छात्रावास के बच्चों का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराएं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। सभी बच्चों के आयुष्मान कार्ड 01 माह के भीतर बन जाने चाहिए। छात्रावास अधीक्षक की जिम्मेदारी है कि छात्रावास में सीसीटीव्ही कैमरा अनिवार्य रूप से लगा हो। छात्रावास में प्रदाय होने वाले पेयजल की शुद्धता की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के स्थानीय अमले से जांच कराई जाए। छात्रावास अधीक्षक खाद्य सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क कर छात्रावास की मेस को एफएसएसएआई का भोजन गुणवत्ता का सर्टिफिकेट प्राप्त करें। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि वे निर्धारित मापदण्डों के अनुसार छात्रावासों की मेस को एफएसएसएआई का सर्टिफिकेट प्रदान करें।
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने बैठक में निर्देशित किया कि जिन छात्रावासों के भवन बन चुके हैं, उनमें छात्रावास स्थानांतरित किया जाए। छात्रावास अधीक्षक छात्रावास में अनिवार्य रूप से रहे। छात्रावास की मरम्मत एवं अन्य कार्यों के लिए प्राप्त होने वाली राशि का उपयोग छात्रावास में ही किया जाए। नोडल अधिकारी निरीक्षण के दौरान इस पर विशेष ध्यान दें कि प्राचार्य छात्रावास के लिए आयी राशि का छात्रावास में ही उपयोग करें और अधीक्षक को भी इसकी जानकारी होना चाहिए। छात्रावास में सीसीटीव्ही कैमरे, टीवी, आरओ वॉटर चालू हालत में रहना चाहिए। बच्चों को नाश्ता एवं भोजन मैन्यू के अनुसार मिलना चाहिए। छात्रावास के संचालन में प्राचार्य, अधीक्षक या जिस किसी भी व्यक्ति की लापरवाही पायी जाएगी, उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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