ग्वालियर : बाल अधिकारों की सुरक्षा, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम एवं बाल संरक्षण के प्रति जागरूकता व संवेदनशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से समेकित बाल संरक्षण मिशन “वात्सल्य योजना” के अंतर्गत मंगलवार को महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में पॉक्सो एक्ट व जेजे (जुवेनाइल जस्टिस) एक्ट व सायबर क्राइम एक्ट तथा बाल संरक्षण अधिकारों से संबंधित विधिक प्रावधानों की जानकारी दी गई। साथ ही बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति कार्यशाला के प्रतिभागियों को जागृत किया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय द्वारा बाल भवन में आयोजित की गई इस कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री सोमेश महंत, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य श्री सुमंत शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती उपासना राय, बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्ष सुश्री संदीपा मल्होत्रा सहित संबंधित अधिकारी शामिल हुए। साथ ही जिले के बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक तथा सामाजिक न्याय विभाग, श्रम विभाग, नगर निगम, बाल कल्याण पुलिस एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सुश्री संदीपा मल्होत्रा ने बाल यौन अपराधों से संबंधित पॉक्सो एक्ट की कानूनी प्रक्रिया, रिपोर्टिंग, साक्ष्य संरक्षण तथा न्यायिक प्रक्रिया सहित बाल हितों की सुरक्षा पर विस्तृत जानकारी दी।
मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ श्री आलोक बेंजामिन ने व्यक्तिगत देखभाल योजना (Individual Care Plan – ICP) का महत्व बताया। साथ ही इसके तहत बच्चों के समग्र विकास हेतु अपनाई जाने वाली कार्यप्रणालियों पर विशेष प्रकाश डाला।
सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि श्री राजेंद्र सोनी ने बाल विवाह और बाल श्रम जैसे संवेदनशील विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन कुप्रथाओं के उन्मूलन के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
कार्यशाला का संचालन परियोजना अधिकारी श्री मनोज कुमार गुप्ता ने किया। आईसीपीएस प्रभारी श्री मनीष सिंह ने विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में उपयोगी सुझाव भी दिए।
कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में बाल संरक्षण के सिद्धांतों एवं कानूनों का पालन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही समाज में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता अभियान को निरंतर गति प्रदान करेंगे।
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