भोपाल। साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में सत्र 2025 – 26 के योग एवं आयुर्वेद विभाग में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का योग दीक्षा आरंभ संस्कार यज्ञ के माध्यम से पूर्ण किया गया।
दीक्षा आरम्भ समारोह में गुरु-शिष्य परंपरा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर उपेन्द्र बाबू खत्री द्वारा नवीन विद्यार्थियों को यज्ञ की उपयोगिता एवं महत्व से अवगत कराया गया। डॉक्टर खत्री ने कहा कि यज्ञ को विधान के साधन के रूप में प्रयोग किया गया ताकि छात्र अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना कर सकने लायक बन सकें।
विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर नवीन कुमार मेहता ने सभी छात्रों से संकल्प लिया कि वो प्रतिदिन योग अभ्यास करेंगे और हमेशा दूसरों के कल्याण की भावना से काम करेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री विवेक पाण्डेय ने विद्यार्थियों को सफलता का सही अर्थ बताया। उन्होंने कहा कि सफलता का अर्थ – शांति, आनंद, प्रेम वर्तमान में रहना, हर क्षण में जीना और जितना हो सके दूसरों के लिए देना यही जीवन की सफलता है।
छात्रों ने यह भी प्रण लिया कि वो धर्म, संप्रदाय, जाति और भाषा से ऊपर उठकर ऋषियों की परंपरा का निर्वहन करेंगे।
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