भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग, त्रिवेणी कला संग्रहालय, उज्जैन द्वारा श्रीकृष्ण से सम्बंधित आंचलिक लोकसंगीत और व्याख्यान केन्द्रित ‘ललित पर्व’ का प्रसारण सोशल मीडिया
साहित्य
हिंदी साहित्य के इतिहास में तालाबंदी काल (व्यंग्य)
-संदीप सृजन हिंदी साहित्य के इतिहास पुनर्लेखन का समय फिर से एक बार निकट आता दिखाई दे रहा है। वीरगाथा काल से शुरु हो
हमने ठीक से बूढ़ा होना नहीं सीखा
– श्रुति कुशवाह जवानी के ब्याह को प्रेम समझा उम्रदराज़ प्रेम को अपराध जबकि ब्याह और प्रेम को ठीक ठीक साधना इसी उम्र में
अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर लोकरुचि व्याख्यानमाला
भोपाल। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2020 के अवसर पर संग्रहालय लोकरुचि व्याख्यानमाला के अंतर्गत, दिनांक 18 मई, 2020 को
पैदल चलने वाले लोग
हरीश दुबे ऐ चमकीली सड़क कहां है ? ऊंचे और निराले लोग आखिर तेरे काम आएं हैं पैदल चलने वाले लोग ये पगडंडी के
आवजो निमाड़ मs
निमाड़ी गीत इस गीत में एक करोड़ की आबादी वाले निमाड़ जनपद के प्रसिद्ध स्थानों, परम्पराओं, सन्त कवियों व व्यंजनों का चित्रण है। –
‘आश’ की आस निरास न भई
-पुस्तक समीक्षा आम तौर पर अपने दैनंदिन जीवन की यादों को सहेजने के लिए लोग डायरी लिखते है। इस अच्छी आदत का लाभ तब
सामाजिक मूल्यों को पोषित करती कृति ‘सपनों के सच होने तक’
एक कविता जितनी देर में पढ़ी या सुनी जाती है उससे हजार गुना अधिक समय में वह कागज पर अवतरीत होती है, और उससे भी
भारत में एथोनोग्राफिक संग्रहालय एशियाटिक सोसाइटी से प्रारंभ हुआ – डॉ. एस. बी. चक्रवर्ती
भोपाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल मेंएथोनोग्राफिक म्यूजियम इन इंडिय-कंट्रीब्यूशन्स, रीप्रजेंटेशन्स एंड फ्यूचर पॉसीबिल्टीस विषय पर 03 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन डॉ.
मेगालिथस समय एवं जीवन के गणना के प्रमाण है – प्रो. सेर्गे ली गुइर्रिएक
भोपाल। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की लोकप्रिय कड़ी संग्रहालय लोकरुचि व्याख्यान माला के अंतर्गत, फ्रांस के प्रसिद्ध मनोवैज्ञाानिक, प्रो. सेर्गे ली गुइर्रिएक ने